बचपन जिन्दगी का एक सबसे खूबसूरत हिस्सा होता है जो कि मेरा भी था आपका भी था हम सबका था आज की कहानी किसी एक की कहानी नहीं ये हम सबकी कहानी है बचपन में खेलते खेलते कब टाइम निकल जाता था हमे पता तक नहीं चलता था और कब रात हो जाती थी और आज समय काटे नहीं कटता और कभी कभी तो हम बोर भी हो जाते हैं बचपन में हम बाहर खेल कर कपड़े गंदे करके लाते तो घर में पिटाई हुआ करती थी जिसके बाद हम रोते थे और थोड़ी ही देर में घरवाले फिर हँसा भी देते थे जो की आजकल नहीं होता क्योंकि आजकल बच्चे खेलने ही नहीं जाते बस घर पर टीबी देखते रहते हैं पहले हमें खेलने केे बाद कब नींद आ जाती थी और कब हम सो जाते ये नहीं पता होता था और आज हमें कभी कभी सोने केे लिए नींद की Tablet लेनी पड़ती हैं पहले हम सिर्फ T से Toy जानते थे और कब ये T से Toy T से Tension हो गया पता तक नहीं चला कभी हम स्कूल न जाने केे लिए रोते थे और किसी-किसी दिन तो मन से सोते ही रहते थे इसलिए कि कोई स्कूल जाने केे लिए न बोले फिर भी घर वाले जबरदस्ती भेज ही देते थे रोते रोते स्कूल जाया करते थे पर आज वो ही स्कूल याद आता है कभी हम Underwear में पूरा गांव घूम लेते थे फिर भी हमें शर्म महसूस नहीं होती थी और आज कुछ जगह हम अच्छे कपड़े पहन कर भी शर्म महसूस करते हैं पहले चूल्हे पर बनी रोटी खाते थे जिसमें राख भी लगी होती थी उसे खाकर भी स्वस्थ थे और आज कल गैस की बनी रोटी जो की बिल्कुल स्वच्छ होती है उसे खाकर भी हमें कई तरह की बिमारियां हो जाती हैं दिन भर गन्दगी और मिट्टी में खेलने केे बाद भी हमें कोई बीमारी नहीं होती थी वायरस क्या होता है ये नहीं पता होता था और आज हाथ मिलाने से बीमारियां फ़ैल रही हैं पहले हम बेफ़िक्र होकर सांस लिया करते थे Pollution क्या होता है ये नहीं जानते थे और आज Pollution की बजह से अस्थमा जैसी बीमारी हो जाती हैं कभी हम सिर्फ एक रूपए केे लिए घरवालों से जिद किया करते थे और वो एक रूपया मिल जाने केे बाद ऐसा लगता था कि खजाना मिल गया फिर भी हम उसे जोड़ते नहीं थे बल्कि खर्च कर देते थे और आज कल हम पैसे बचा कर रखते हैं खर्च करने से पहले कई बार सोचते हैं पहले न घर पर लाइट थी न पंखा और हम नीम केे पेड़ केे नीचे चारपाई डाल कर सोते थे और बहां Cooler AC से भी अच्छी हवा आया करती थी न ही हमारे घर पर Freeze था फिर भी सरकारी नल का पानी Freeze से ठंडा लगता था आज हम अपने Career केे बारे में सोचते हैं ये सोचते हैं कि एक अच्छा घर लेंगे पर पहले दोस्तों के साथ मिट्टी का घर बनाकर खेलने में ही हम खुश थे जो खुशियाँ आज हमें बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में नहीं मिलती वो खुशियाँ हमें छोटे और कच्चे घरों में मिलती थी आज हम घूमने केे लिए दूसरे देशों में जाते हैं और पहले हम अपने दादा जी केे साथ पास वाले गांव में लगे मेले में घूम कर ही खुश हो जाते थे आज हम इतने महंगे मोबाइल चलाते हैं फिर भी इनसे खुश नहीं हैं और पहले 10 रुपए वाला मोबाइल जिसमे कोई भी बटन दबाने पर एक ही गाना आता था हम उससे भी खुश थे आज हम टीवी पर Show देखते हैं एक अच्छा नहीं लगता तो दूसरा देखने लगते हैं पर पहले हम दिवाली से पहले आने वाले रामलीला का पुरे साल इंतज़ार किया करते थे और जब आता था तो देखने जाते थे और बहां धक्का मुक्की में चोट भी लग जाती थी पर फिर भी हम खुश थे और आज मोबाइल पर हम सुकून से कुछ भी देख सकते हैं फिर भी हम खुश नहीं हैं मुझे आज भी याद है कि जब पहली बार गांव में टीवी आया था और उसे बाहर Ground में लगा कर पूरा मोहल्ला साथ में देखता था पहले मोहल्ले वालों में भी प्रेम था पर अब ऐसा नहीं है पहले किसी केे घर Cycle भी आती थी तो पूरे गांव केे लोग देखने आते थे पर आज कोई BMW भी ले आए तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता पहले हर त्यौहार की खुशी होती थी एक महीने पहले से ही पैसे जोड़ना शुरू कर देते थे होली पर रंग लेने केे लिए और दिवाली पर पटाखे लेने केे लिए त्यौहार अब भी आते हैं पर अब वो ख़ुशी नहीं होती है आज कल कुछ सपनो की वजह से हम अपने अपनों को छोड़ देते हैं पर उस समय ऐसा नहीं था क्योंकि उस समय उनके सपने उनके अपने ही होते थे कभी जल्दी तो कभी देर में पर घरवाले हर जिद पूरी कर देते थे तभी तो किसी ने कहा है की शौक तो घरवालों केे पैसे से पूरा होता है अपने पैसो से तो बस जरुरतें ही पूरी होती हैं कभी ये बात हम नहीं मानते थे पर जैसे जैसे बड़े होते चले जा रहे हैं ये बातें समझ में आ रही हैं हालात कहाँ से कहाँ ले आते हैं पता नहीं चलता कल अच्छा हो इसलिए आज अपनों से मीलों दूर हूँ कभी कभी वो दिन याद करके Emotional हो जाता हूँ वो घरवालों का प्यार सबसे ज्यादा प्यार दादाजी करते थे और आज उनके ना रहने पर उन्हें याद करता हूँ तो बहुत Emotional हो जाता हूँ ||
अगर आपके भी इससे कुछ Emotion जुड़े हो तो नीचे Comment में जरूर बताएं और भी कहानी पढ़ने केे लिए हमारे BLOG को SUBSCRIBE जरुर करें ||
*THANK YOU
4 Comments
ReplyDeleteपूरा हक है तेरा मुझ पर तू खूब जताया कर
मैं ना पूछूं तो भी तू मुझे हर चीज बताया कर...
Love you ❤️ Ladale
Aur bachpan me mere hatho se Teri kutayi..😂😂😂
ReplyDeleteJane Kaha gye Bo din,😭😭😭😭
Very nice story
ReplyDeleteVery nice story
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