School Life is Best Life | Story in Hindi | हिंदी में कहानी

School Life, School Life is Best Life

आज की कहानी किसी एक की कहानी नहीं है ये हम सब की कहानी है School Life हम सबकी ही रही है पर सबकी एक जैसी नहीं थी क्योंकि किसी को School जाना अच्छा लगता है और किसी को नहीं बस School केे अंदर हो जाने केे बाद हम सब भूल जाते थे अब School में सबसे पहले होती थी Prayer जो कि हम में से किसी को याद नहीं थी पर Teacher से बचने केे लिए हमें मुँह चलाना पड़ता था एक बात और थी जो हमारे साथ होती थी और वो होती थी हमारी School Uniform केे साथ हमारे पास कुल मिलाकर एक Uniform थी जिसे हम School से आने केे बाद धुलवा लेते थे और सुबह उसे पहन कर चले जाते पर पता नहीं पेन की हमारी Uniform से कौनसी दुश्मनी थी जब पेन हाथ में होती तो उसकी स्याही नहीं निकलती पर जैसे ही हम पेन को अपनी Pant की जेब में रख लेते वो अपनी स्याही हमारी Uniform पर छोड़ देती और इसी चक्कर में हम घर पर भी पिटते और School में भी पिटते School में इसलिए की Uniform पहन कर क्यों नहीं आया और घर में इसलिए की पेन हाथ में क्यों नहीं पकड़ता है ||

SCHOOL FRIEND

School केे दोस्त ऐसे होते थे वो छोटी सी बात पर हमारी शिकायत Teacher से करके हमारी पिटाई करवाते थे और छोटी सी ही बात पर हमारे लिए किसी से भी लड़ने को तैयार हो जाते थे School में सबका एक ऐसा दोस्त भी जरुर होता था जो हमारे लेट हो जाने पर हमारी शीट पर किसी को नहीं बैठने देता था और हम पानी का बहाना करके पूरा School घूम कर आते थे और सर कहते थे इतनी देर क्यों हुई और फिर Class में जमकर पिटाई होती थी हम फिर भी रोज वैसा ही करते थे हम सारे दोस्त पीछे बैठकर Lunch से पहले ही खाना खाते थे और Teacher केे देखने पर पिटाई होती थी छुट्टी होने से पहले सारे बच्चे एक दूसरे से कहते थे पहले मैं बाहर निकलूँगा पहले मैं बाहर निकलूँगा और हम जैसे दोस्त उन दोनों का Bag एक दुसरे केे Bag से बांध देते थे और छुट्टी होने पर हम उनसे पहले बाहर निकल जाते थे और वो अपने Bag खोलते ही रह जाते थे जब Exam आते थे तो हम चार दोस्त आपस में पढ़ाई को बाँट लेते थे कि हम सब चार-चार पाठ याद करेंगे और Exam वाले दिन Teacher हमें अलग-अलग बैठा देते थे और हमारा बना बनाया Plan खराब हो जाता था हम फिर भी बही काम करते थे Exam हो रह होते थे तब हम Ball लेकर जाते थे और छुट्टी होने पर Ground में खेलते थे पर जिस दिन Checking होती उस दिन Ball छीन ली जाती न जाने मेरी और मेरे दोस्तों की कितनी Ball Teacher ने छीनी होंगी मेरे भी कई दोस्त होशियार थे और होशियार बच्चे आगे बैठते हैं पर मेरे दोस्त कभी आगे नहीं बैठे वो तो बिल्कुल पंखे केे नीचे बैठते थे और बच्चे थे जो कि School लेट आने पर पिटते थे पर मेरे दोस्त School जल्दी जाने पर पिटते थे क्या आपको पता है School की Famous सीट कौनसी होती थी जो खिडकी केे पास हुआ करती थी School में हम दोस्त पेन बाला खेलते थे 16 पर्ची खेलते थे और पकडे जाने पर फिर पिटते थे School में बस एक ही खेल था जो कि सर की मर्जी से होता था वो था अंताक्षरी जो कि दो कक्षाओं में करवाया जाता था भले ही School जाते Time हम रोते हुए जाते थे पर लौटते Time हम दोस्तों केे साथ पूरा गाँव घूमते हुए आते थे ||

SCHOOL TEACHER 


School केे Teacher भी हमें अच्छी तरह जानते उन्हें पता होता है बच्चा झूठ बोल रहा है या सच वो पूरी Class से पूछते Home Work किस-किस का पूरा है हाथ खड़ा करे हमारा पूरा नहीं भी होता था हम तब भी हाथ खड़ा कर देते थे और Teacher सबको छोड़कर हमें खड़ा कर देते थे कि तू चेक करवा और हमारा Home Work तो पूरा होता नहीं था और हम फिर पिट जाते थे हमारा काम तो कभी पूरा ही नहीं होता था सर कहते थे कि कल कॉपी Check करुंगा और हम उस दिन School ही नही जाते थे पर उन्हें पता था कि ये कल School नहीं आएगा और वो उस दिन ही कॉपी चेक न करके उस दिन कॉपी चेक करते जब हम School जाते और हमारी फिर पिटाई होती पर हम काम पूरा तब भी नहीं करते जब हमें लगने ही लगता कि हम कितनी भी छुट्टी कर ले हम नहीं बचेंगे हर School में एक ऐसे Teacher जरुर होते हैं जो कि School में सभी केे प्रिय होते हैं हमारे School में भी एक ऐसे Teacher थे जो हम सबके बहुत प्रिय थे ऐसा नहीं है कि वो पीटते नहीं थे पर उनके पढ़ाने का तरीका थोड़ा अलग था वो मारते भी थे तो हँस कर और हम सब भी हँस कर पिट लेते थे School में सारे ही Teachers का एक Dialogue होता है हमारे सर का भी था जो कि वो पीटते Time बोलते थे कि आओ हाथों पर गर्म-गर्म कचौरी परसता हूँ अब हमारे Classmate या सर पढ रह होंगे तो शायद वो समझ गए हों हमारा काम भी उसी विषय का पूरा होता था जिस विषय को वो पढ़ाते थे सही ही कहते हैं लोग कि बच्चे मार से ज्यादा प्यार से पढ़ जाते हैं सोचो मुझे School जाना पसंद नहीं था फिर भी मैंने ऐसी School Life जी है तो सोचो जिन्हे School जाना पसंद था उनकी School Life कैसी रही होगी कुछ भी हो School ख़त्म होने केे बाद वो खडू़स Teacher की वो अच्छे Teacher की वो अच्छे दोस्तों की वो खडू़स दोस्तों की और वो Boaring से School की बहुत याद आती है मन करता है कि फिर से L.K.G का वो छोटा सा बच्चा वन कर School में जाऊँ और वही दोस्त वही Classmate मिल जाएं और वो ही Teacher हमें पढाएं ||

आप भी अपने दोस्त और टीचर केे बारे में Comment में जरूर बताएं और किसे पता था कि मैं किस टीचर केे बारे में बात कर रहा था Comment में बताओ और कहानी कैसी थी ये भी बताओ और भी ऐसी ही कहानी पढ़ने केे लिए हमारी Website को Follow करना न भूलें ||

THANK YOU


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1 Comments

  1. Copyright आ जाता इसलिए Comment में लिख रहा हूँ शायद फिर मेरी किस्मत चमक जाए स्कूल केे बह हसीन पल फिर मिल जाए चल मेरे यार आज फिर कुछ यादें ताज़ा हो जाए आजा उसी आखरी वाली शीट पर बैठ जाएं शायद कोई पुराना टीचर मिल जाए शायद उन नालायक दोस्तों को भी हमारी याद आए शायद उन सबसे फिर मुलाक़ात हो जाए शायद फिर किस्मत चमक जाए

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