बचपन की दोस्ती प्यार में बदल गई | A Silent Love | Story in Hindi | हिंदी में कहानी

Silent Love story, childhood love


आज की कहानी सोनू और साक्षी की है 

कहानी की शुरूआत होती है जब सोनू केे घरवाले कानपुर छोड़ Delhi Sift हुए थे उस समय सोनू 7 साल का था Delhi में जिस Sociaty में वो रहने आए उस Sociaty में सोनू की ही उम्र केे और भी बच्चे थे पर सोनू न ही किसी केे साथ खेलता था और न ही किसी से बोलता था बस चुप-चाप Park में जाकर बैठ जाता वहीं एक साक्षी नाम की लड़की रोज उसे अकेला बैठे देखती तो सोचती कि ये हमेशा अकेला बैठा रहता है हम सब केे साथ क्यों नहीं खेलता एक दिन साक्षी और उसके दोस्त सोनू केे पास जाते हैं और उससे पूछते हैं तुम्हारा नाम क्या है तब सोनू उन्हें अपना नाम बताता है फिर साक्षी पूछती है कि तुम हमारे साथ क्यों नहीं खेलते तब वो कहता है कि मेरा यहाँ कोई Friend नहीं है न साक्षी कहती है चलो अाज से हम सब तुम्हारे Friend हैं और वो उसे अपने साथ खेलने केे लिए ले जाती है धीरे-धीरे वो सभी सोनू केे बहुत अच्छे Friend बन जाते हैं अब Time केे साथ-साथ वो सब बड़े हो जाते हैं उनका School भी खत्म हो चुका होता है अब आगे की पढाई सोनू तो Delhi से ही करेगा पर साक्षी चाहती है कि वो आगे की पढा़ई Bangalore से करे और वो अपने पापा को बोलती है कि वो Bangalore पढ़ना चाहती है पर उसके पापा नहीं मानते अब वो ये बात सोनू को बताती है कि मैं Bangalore पढ़ना चाहती हूँ पर पापा नहीं मान रहे हैं उन्हें तुम समझाओ न Please वो उसे अपने पापा को समझाने के लिए इसलिए बोलती है क्योंकि उसके मम्मी पापा सोनू की हर बात बहुत जल्दी मान जाते हैं और भी कई बार सोनू ने साक्षी की कई बातें उसके घरवालों से मनवाने केे लिए उसकी Help की है और वो उसकी Bangalore पढ़ने की बात उसके घरवालों से करने केे लिए मान जाता है वो साक्षी केे घरवालों को समझाता है कि आप उसे Bangalore पढ़ने दीजिए बहां ये पढ़ेगी तो यहाँ से ज्यादा Batter होगा और उसके घरवाले मान जाते हैं अब वो Bangalore जाने की तैयारी शुरू कर देती है और साक्षी को Bangalore छोड़ने सोनू ही जाता है Finally वो उसे Bangalore छोड़ कर Delhi वापस आ जाता है फिर 15-20 दिन तक तो सब ठीक रहता है पर 20 दिनों बाद उसे साक्षी की कमी महसूस होती है उसे ऐसा लगता है कि शायद उसे साक्षी से प्यार हो गया है फिर वो सोचता है शायद मुझे ऐसा Feel इसलिए हो रहा है कि वो मेरी सबसे अच्छी Friend है पर Day Per Day उसे साक्षी की और भी ज्यादा याद आने लगती है और तब उसे यकीन हो जाता है कि वो साक्षी से प्यार करने लगा है उसके अंदर एक बात और थी कि वो किसी से कोई बात छुपाता नहीं था और वो ये सब अपने घरवालों को बता देता है और फिर साक्षी केे घरवालों को भी वो बता देता है कि वो साक्षी से प्यार करता है तब साक्षी केे पापा कहते हैं कि ये तो बहुत अच्छी बात है क्या तुमने ये बात साक्षी को बताई वो कहता है नहीं साक्षी केे पापा कहते हैं रुको तो मैं ये बात अभी उसे फ़ोन पर बताता हूँ पर वो उन्हें रोक लेता है वो उनसे कहता है कि अगर मुझे ये बात उसे फ़ोन पर ही बतानी होती तो मैं उसे बहुत पहले ही बता चुका होता पर मैं चाहता हूँ कि जब मैं अपने प्यार का इज़हार करूँ तब वो मेरे सामने हो और आप लोग भी वहीं पर हों ये सुनकर साक्षी को कोई कुछ भी नहीं बताता अब सोनू साक्षी का इंतज़ार करता है उसके साथ और सभी लोग भी उस पल का इंतज़ार करते हैं जब सोनू साक्षी को Propose करेगा अब धीरे-धीरे साल हो जाते हैं और उनकी पढाई भी Complete हो जाती है और वो दिन भी आ जाता है जब साक्षी Bangalore से Delhi वापस आ रही है अब सब लोग उसका इंतज़ार कर रहे होते हैं पर जब वो आती है तो वह अकेली नहीं बल्कि एक लड़का भी उसके साथ होता है वो आते ही अपने पापा को उस लड़के से मिलाती है वो अपने पापा से कहती है कि पापा ये अनिल है और मैं इससे प्यार करती हूँ और मैं इसी से शादी करना चाहती हूँ ये सुनकर सोनू को और वहां खड़े सभी लोगों को बहुत बुरा लगता है पर कोई उससे कुछ नहीं कहता पर साक्षी केे पापा उसे मना कर देते है कि मैं ये शादी नहीं कर सकता और ये कहकर वो वहां से चले जाते हैं फिर वो सोनू से अपने पापा को मनाने केे लिए बोलती है और सोनू फिर उसकी बात मान जाता है वो साक्षी केे पापा केे पास जाकर उनसे कहता है कि अंकल आप साक्षी की शादी अनिल से करवा दीजिए वो उससे कहते हैं कि तुम ये बात कह रहे हो जबकि तुम उससे प्यार करते हो वो कहता है हाँ क्योंकि मैंने देखा है साक्षी उससे प्यार करती है और वो मुझसे लाख गुना ज्यादा अनिल केे साथ खुश रहेगी और सच्चा प्यार तो वही है जो अपने प्यार को खुश देखना चाहे फिर साक्षी केे पापा उसकी बात मान कर साक्षी की शादी अनिल से करवा देते हैं ||


सच्चा प्यार वो नहीं जो मिलने केे बाद किया जाए 

सच्चा प्यार वो है जो न मिलने केे बाद भी किया जाए


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