What is Relationship | रिश्ता क्या है | Story in Hindi | हिंदी में कहानी

आज की कहानी रिश्ते पर आधारित है रिश्ता क्या है क्या आप जानते हैं कि रिश्ता क्या है चलो मैं बताता हूँ सोचो हमारे कितने रिश्ते दार हैं नानी नाना बुआ मौसी मामा सास ससुर साला साली और भी बहुत सारे रिश्तेदार हैं पर क्या सब हमारे लिए एक जैसे हैं क्या हमें सभी से एक जैसा ही लगाव है नहीं न कभी सोचा है ऐसा क्यों क्योंकि दो परिवार तो मिले हैं पर दिल नहीं मिले और परिवार मिलने से कुछ नहीं होता दिल मिलने जरुरी हैं बहुत सी बार तो ऐसा भी होता है कि मोहल्ले वाले रिश्तेदारों से ज्यादा मायने रखते हैं क्योंकी बहाँ पर परिवार जुड़ कर रिश्ता नहीं होता बहाँ पर दिल जुड़ कर रिश्ता होता है और इसे ही रिश्ता कहते हैं तो अाज की कहानी में एक सूरज नाम का लड़का है जो झाँसी का रहने बाला है पर कुछ रिश्तेदारों की बजह से वो दिल्ली रहने चला जाता है उसके घरवाले उसे रोकते भी है फिर भी वो चला ही जाता है अब रिश्तेदार कारण क्यों थे उसके बहाँ न रहने पाने का वो इसलिए क्योंकि चाची-चाचा ताऊ-ताई बुआ-फूफा मामा-मामी मौसा-मौसी किसी का भी फोन आए यही पूछेंगे बेटा Career केे बारे में क्या सोचा है बेटा पास हुए या नहीं चाहे अपना बच्चा Fail हो गया हो चाहे अपने बच्चे का कोई Future न हो पर उससे एक बार भी नहीं पूछेंगे जब वो दिल्ली आया था तब उसकी Age सिर्फ 19 साल थी और वो इतनी कम उम्र में अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर में आया जहाँ उसका कोई भी अपना न था जब वो एक Sociaty में रहने गया तो कई दिनों तक उससे कोई बोला नहीं फिर कुछ ही दिनों बाद जब उसके पैसे भी खत्म हो जाते हैं और उसके पास कोई जॉब भी नहीं होती तो उस दिन भूखा होता है और मोहल्ले वाले सोचते हैं कि इस घर में जो लड़का रहता है वो कहीं जाता भी नहीं शायद उसके पास कोई जॉब भी नहीं है ऐसा तो नहीं कि ये भूखा हो चलो देखते हैं और वो लोग उसके घर जाकर पूछते हैं बेटा तुम्हारा नाम क्या है और वो उन्हें अपना नाम बताता है जिसके बाद वो लोग उससे खाने केे लिए पूछते हैं पर वो मना कर देता है कि अभी मुझे भूख नहीं है और वो लोग चले जाते हैं पर कुछ ही देर बाद मोहल्ले केे एक घर से उसके लिए खाना आता है और वो घर नैना का होता है और वो यह सोचने लगता है कि किसी और को पता नहीं चला कि मैं भूखा हूँ पर इसके घरवालों को कैसे पता चल गया कि मैं भूखा हूँ फिर नैना ने उससे कहा कि भैया खाना खा लो और सूरज ने उससे पूछा कि किसी और ने नहीं जान पाया कि मुझे भूख लगी है पर तुम्हे कैसे पता चला कि मुझे भूख लगी है तब वो उसे कहती है कि किसी में कोई अपना दिख जाए तो हम उसके मन की हर बात जान लेते हैं जैसे की तुम्हारे मन की बात जान ली जिसके बाद सूरज को समझ आता है कि रिश्ता क्या है धीरे-धीरे नैना केे घर वाले उसे अपने घरवाले लगने लगते हैं और नैना केे घरवालों को वो अपने घरवालों जैसा लगने लगता है नैना का कोई भाई नहीं था और सूरज की कोई बहन नहीं थी इसलिए ही वो एक दूसरे को अपना भाई-बहन मानने लगते हैं वो उसके साथ हर वो त्योहार मनाता है जो एक भाई बहन मनाते हैं कुछ ही दिनों में उसकी जॉब भी लग जाती है धीरे-धीरे वो बहाँ पूरी तरह से Sift हो जाता है जब ये बातें उसके मम्मी पापा को पता चलता है कि सूरज ने एक परिवार केे साथ अपनों जैसा रिश्ता बना लिया है जो लड़का कभी रिश्ते और रिश्तेदारों से इतना चिड़ता था उस लड़के ने ऐसा किया जिसके बाद उसके मम्मी पापा को भी समझ आता है कि रिश्ता दिल का ही होना चाहिए
तो ये होता है दिल का रिश्ता चाहे हमारा परिवार हो और उनके लिए दिल में अपनापन न हो तो वो अपने होकर भी अपने नहीं लगेंगे और किसी गैर केे लिए हमारे दिल में अपनापन है तो वो गैर होकर भी अपना ही लगेगा और अपना वो ही है जो कि हमारी Feelings को समझ सके हमें समझ सके पर कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो न ही हमें समझ पाते हैं और न ही हमारी Feelings को समझ पाते हैं जैसे सूरज और नैना सूरज की कोई बहन नहीं थी उसे बहन मिल गई और नैना का कोई भाई नहीं था उसे भाई मिल गया था पर क्या उनके परिवार वाले एक दूसरे को जानते थे नहीं न और मेरी नजर में भी परिवार केे साथ जुड़े रिश्तों से ज्यादा दिल से जुड़े रिश्ते मायने रखते हैं तो रिश्ता किसी केे साथ तब ही जोड़े जब परिवार वालों से पहले उनका एक दूसरे से दिल मिल जाए तब ही वो एक-दूसरे केे रिश्तेदार कहलाएंगे ||

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2 Comments

  1. Dil Jeet liya Ladle♥️♥️♥️♥️
    Love you ❤️ Ladale

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  2. भूख रिश्तों को भी लगती है,
    प्यार कभी परोस कर तो देखिये..!!
    ♥️♥️♥️

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