Father's Day Special | पिता क्या हैं हमारे लिए | Story in Hindi | हिंदी में कहानी

तो ये कहानी है सोनू की जो कि बहुत ही छोटे परिवार से है उसके पापा राकेश जो कि महीने में 12 घंटे की नौकरी करके सिर्फ 10 हजार रूपए कमाते हैं जो की घर खर्च में ही खत्म हो जाते हैं जिसकी बजह से वो सोनू को कुछ भी उसके मन का दिलाने में असमर्थ हैं पैसे ज्यादा ना होने की बजह से वो अपने बेटे को अच्छे स्कूल में नहीं पढ़ा पाते पर इस बात को सोनू नहीं समझता उसे लगता है कि पापा केे पास पैसे हैं पर वो मुझे कुछ दिलवाते नहीं हैं इसी बात को लेकर वो उनसे नाराज रहता है कई बार राकेश उसे समझाने की भी बहुत कोशिश करता है पर वो कभी समझता ही नहीं और वो ये सोचकर उसे ज्यादा नहीं समझाता कि एक न एक दिन तो समझ ही जाएगा क्योंकि सोनू की उम्र भी कुछ ज्यादा नहीं बस 12 साल ही थी राकेश सोनू केे भविष्य केे बारे में सोचता है क्योंकि वो किराए केे मकान में रहता है और उसे लगता है कि कुछ और न सही कम से कम वो अपने बेटे केे लिए एक घर ही खरीद ले जिसके बाद वो Over Time भी काम करना शुरू कर देता है और धीरे-धीरे 3 साल हो जाते हैं अब तक राकेश की Salary भी बढ़ चुकी है और वो अपने बेटे केे लिए अब कुछ लेना चाहता है पर इस बार भी वो उसके लिए कुछ नहीं ले पाता क्योंकि Salary केे साथ-साथ महगाई और घर खर्च भी बढ़ चुका है और उधर सोनू भी बड़ी Class में आ चुका है उसका स्कूल का खर्चा भी बढ़ चुका है पर अब भी सोनू को कुछ समझ नहीं आया कि खर्चा है इसलिए ही उसके पापा उसे कुछ नहीं दिला पाते अब धीरे-धीरे 4 साल और बीत जाते हैं और अब सोनू की पढाई भी पूरी हो चुकी थी और वो 19 साल का भी हो चुका है इतनी उम्र हो जाने केे बाद भी राकेश उससे कोई भी काम नहीं करवाता पर अब तक न ही वो घर खरीद पाया है और न ही अपने बेटे केे लिए कुछ कर पाया है और इसी बात को लेकर वो बहुत Tension ले लेता है जिसके बाद उसकी बहुत ज्यादा तबियत खराब हो जाती है और उसके घर वाले तुरंत उसे Doctor केे पास लेकर जाते हैं और Doctor उसे दवा देकर कहता है कि इन्हें आराम की जरुरत है कम से कम 5 महीने तक इनसे कोई काम न करवाया जाए नहीं तो इनकी तबियत और भी ज्यादा खराब हो सकती है और उसके घरवाले उसे घर ले आते हैं जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी सोनू पर आ जाती है और वो नौकरी ढूंढना शुरू कर देता है और उसे एक नौकरी मिल भी जाती है एक महीने काम करने के बाद उसे Salary मिलती है और वो बहुत खुश हो जाता है वो सोचता है कि घर खर्च केे बाद जो रूपए बचेंगे उनसे मैं एक Mobile खरीद लूंगा पर वो सारे रूपए घर खर्च में ही खर्च हो जाते हैं और वो इस बार अपने आप से कहता है चलो इस बार खर्चा ज्यादा हो गया अगली बार ले लूंगा पर दूसरे महीने में भी वैसा ही होता है और वो फिर अपने आप को समझा लेता है कि अगली बार ले लूंगा फिर तीसरी और चौथे महीने में भी वैसा ही होता है जिसके बाद उसे महसूस होता है कि पापा गलत नहीं थे उनके पास सच में रूपए नहीं बचते होंगे और वो अपने पापा से इतने दिन नाराज होने केे लिए माफ़ी मांगता है और जिसके बाद वो उनसे कभी नाराज नहीं होता है ||
तो ये थी आज की कहानी पिता ही होता है जो सोचता है कि वो सारी उम्र अपने बच्चों को बिठा कर खिलाए एक बार को भाई बहन नहीं चाहेंगे की उनका भाई या बहन उनसे आगे जाए पर एक पिता हमेशा यही सोचेगा की उसका बेटा उससे बहुत आगे जाए एक पिता ही होता है जो अपने बच्चों को दुनिया की सारी खुशियाँ देना चाहता है माँ अपने बच्चे को मारने केे तुरंत बाद उसे फिर से प्यार से चुप करा देगी पर पिता डाँटते Time तो शक्ति से पेश आएगा और रात को सो जाने केे बाद अपने बच्चों से Sorry भी बोल देगा कोई कहता है पिता को बेटियाँ ज्यादा प्यारी होती हैं कोई कहता है की बेटे ज्यादा प्यारे होते हैं पर ऐसा नहीं है पिता को अपने सारे बच्चे एक समान होते हैं जैसे चार उँगली और एक अँगूठा है अगर अँगूठे में चोट लगेगी तो भी उतना ही दर्द होगा जितना की ऊँगली में चोट लगने पर होगा हर पिता का यही सपना होता है कि वो अपने बच्चों केे नाम से जाना जाए तो हमारा भी फर्ज़ बनता है कि हम उनके लिए ऐसा करें ||

HAPPY FATHER'S DAY 
आप सभी को पिता दिवस की शुभकामनाएं 

कहानी कैसी लगी ये Comment में जरुर बताएं ऐसी ही और कहानी पढ़ने के लिए हमारी Website को Follow करना न भूलें Follow का Icon आपको नीचे मिल जाएगा ||

अगर आपने अभी तक (बचपन वो भी क्या दिन थे जब हम बच्चे थे) कहानी नहीं पढ़ी है तो नीचे Link पर Click करके जरुर पढ़े ||


THANK YOU
 

Post a Comment

1 Comments