तो ये कहानी गौरव केे बड़े भाई सौरभ और दिया की है अब आपको ये नहीं पता कि गौरव सौरभ और दिया कौन हैं तो शायद आपने मेरी इससे पहले की 2 कहानी नहीं पढ़ी हैं उन्हें भी जरूर पढ़े नीचे मैं Link दे दूंगा तो आप बहाँ से पढ़ सकते हैं
तो इस कहानी की शुरूआत जिस दिन होती है उस दिन होली थी और सौरभ जब Ready होकर अपने भाई गौरव केे साथ जा रहा था तब रास्ते में उसे एक लड़की मिली जो उसे देखकर बोली बहुत अच्छे लग रहे हो पर उस समय वो उसे नहीं जानता था मतलब ये कि न ही उसका नाम जनता था और न ही उसका घर जनता था पर उसके दोस्त उसे चिड़ाना शुरू कर देते हैं गौरव भी उसे बहुत चिड़ाता है और बार-बार उसके बारे में सुनकर सौरभ को उसके लिए Feelings जाग जाती हैं पर दिया उसे पहले से ही Like करती थी अब सौरभ को जब उससे प्यार हो जाता है तो वो उसके बारे में जानना चाहता है और कुछ दिनों बाद उसे पता चलता है कि वो उसी केे स्कूल में पढ़ती है और वो उसके बारे में उसी की Classmate से पता करता है कि उसका नाम क्या है और वो कहाँ रहती है तब उसे पता चलता कि उसका नाम दिया है अब वो उसके बारे में जान चुका था तो अब वो उसे बताना चाहता है कि वो उससे प्यार करता है फिर एक दिन एक बहुत ही बड़ी कपड़े की दुकान से उसके लिए जॉब का Offer आता है और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि वो दुकान दिया केे घर केे Just बराबर में थी पर उसे वो पैसे कमाने का Offer नहीं लगा बल्कि उसे लगा कि उसे दिया का प्यार मिल गया और वो जॉब केे लिए हाँ बोल देता है कुछ दिन दुकान पर काम करने केे बाद उसे एक दिन मौका मिल जाता है उससे बात करने का और वो उससे अपने दिल की बात कह देता है पर दिया उसे न बोल देती है जबकि वो उसे Like भी करती थी उसके न बोलने केे बाद सौरभ उदास-उदास रहने लगता है वो रोज़ उधर से गुजरता है कभी-कभी किसी न किसी काम से वो उसके घर भी जाता है पर वो उससे बोलता नहीं और कुछ दिनों बाद वो फैसला कर लेता है कि वो जॉब छोड़ देगा और इसके बारे में वो किसी को कुछ बताता भी नहीं और उसी दिन ही दिया उसे न जाने क्या सोच कर Propose कर देती है और वो तो उससे प्यार करता ही था तो उसने उसका Proposal Accept कर लिया और यहाँ से शुरू होती है उन दोनों की Love Story धीरे-धीरे वो एक दूसरे से इतना प्यार करने लगते हैं कि शायद मैं लफ्जों में वयां नहीं कर सकता धीरे-धीरे उनकी Story को 1 साल हो जाता है और एक दिन सौरभ दिया से मजाक करता है वो उसके ही सामने एक लड़की से बात करने का नाटक करता है और दिया उसे सच समझ लेती है और उस दिन से वो सौरभ से बोलना छोड़ देती है वो उसे समझाने की बहुत कोशिश करता है पर वो समझने केे लिए तैयार ही नहीं होती है धीरे-धीरे वो भी उसे भूलने की कोशिश करता है वो कई और लड़कियों से भी बात करता है पर उसे किसी और केे लिए वो Feeling ही नहीं आती और वो उन सबको सच बता कर अपने से दूर कर देता है उसे भूलाने में वो बिल्कुल नाकामयाब हो जाता है और देखते-देखते 3 साल गुज़र जाते हैं और इन 3 सालों में उसने कई बार दिया से बात करने की कोशिश की पर वो असफल रहा उसने कई बार उसे Call और Message भी किए पर दिया ने उसके Call और Message का कोई Reply नहीं दिया कई बार गौरव ने भी उसे समझाया कि सौरभ ऐसा नहीं है जैसा तुम सोच रही हो पर शायद 3 साल बाद उसे समझ आता कि वो गलत नहीं था और वो उससे फिर से बात करना चाहती है वो उसे Call करती है पर इस बार वो मना कर देता है ऐसा नहीं है कि वो उससे बात करना नहीं चाहता वो सिर्फ गुस्से में मना कर देता है जिसके बाद दिया गौरव से कहती है और गौरव सौरभ को समझाता है जिसके बाद वो उससे बात करने को तैयार हो जाता है और वो दोनों एक दूसरे से फिरसे बात करना Start कर देते हैं पर अब वो एक दूसरे से जल्दी मिल नहीं पाते क्योंकि बड़े होने केे साथ-साथ जरुरतें भी बढ़ जाती हैं इसलिए ही सौरभ अपने यहाँ से बहुत दूर एक कंपनी में Manager की Post पर काम कर रहा है और इसलिए ही उसे जल्दी छुट्टी नहीं मिलती और वो उससे मिल नहीं पाता पर वो दूर होकर भी एक दूसरे केे पास हैं क्योंकि जहाँ प्यार है बहाँ दूरियों का कोई काम नहीं ||
प्यार ऐसा ही होता है चाहे हम कितने भी दूर रहें कितने भी दिन एक दूसरे से न बोले पर प्यार कम नहीं होता बल्कि और बढ़ जाता है | तो मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूँ की इनकी Love Story Successful हो ||
TO BE CONTINUE...
कहानी कैसी लगी ये Comment में जरुर बताएं ऐसी ही और कहानी पढ़ने के लिए हमारी Website को Follow करना न भूलें Follow का Icon आपको नीचे मिल जाएगा ||
THANK YOU
2 Comments
Kya bat hai...,♥️♥️♥️
ReplyDeleteLadle Dil Jeet liya
गरीबी में शरीफों की, शराफत कम नहीं होती।
ReplyDeleteकरो सोने के सौ टुकड़े, तो कीमत कम नहीं होती।
बिछड़ के हमने देखा है मोहब्बत कम नहीं होती......
To be continue...
Love you ❤️ Ladale 💓