Does True Love Exist | प्यार सच्चा हो तो कुछ भी हो सकता है | Story in Hindi | हिंदी में कहानी

Does True Love Exist
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ये कहानी है बरेली में रहने वाले करन और प्रिया की जो एक ही Collage में पढ़ते हैं और वो एक दूसरे से प्यार करते हैं पर कभी एक दूसरे से बोल नहीं पाते क्योंकि उन्हें कभी एक दूसरे से मिलने का मौका ही नहीं मिलता और एक दिन उन्हें मौका मिल ही जाता है एक दूसरे को अपने दिल की बात कहने का जब की शिवम का Birthday होता है और वो दोनों भी उसकी Birthday Party में होते हैं और बहाँ वो एक दूसरे को Propose कर देते हैं और यहाँ से उनकी Love Story की शुरुआत होती है कुछ ही दिनों बाद उनका Collage भी पूरा हो जाता है और वो दोनों एक दूसरे से मिल नहीं पाते क्योंकि प्रिया के घरवाले थोड़े पुराने ख्यालात केे हैं उनके यहाँ लड़कियां ज्यादा घर से बाहर नहीं जाती और इसी बजह से वो एक दूसरे से मिल भी नहीं पाते उधर करन को लगता है कि वो उससे मिल न पाए तो कम से कम बात ही कर ले इसलिए ही वो उसे Mobile देने केे लिए सोचता है और वो शिवम केे साथ रात में 2 बजे उसके घर जाता है और उसके कमरे में जाकर उसे जगाता है और वो उसे देख केे डर भी जाती है और खुश भी हो जाती है डर इसलिए जाती है कि कहीं कोई देख न ले और खुश इसलिए हो जाती है कि बहुत दिनों बाद वो मिल रहे हैं वो उससे पूछती है तुम यहाँ क्या कर रहे हो मरवाओगे क्या मुझे घर वालों ने देख लिया होता तो करन उसे कहता है कि मैंने तुम्हें कितने दिनों से देखा तक नहीं और तुम्हारी आवाज भी नहीं सुनी इसीलिए मैं यहाँ तुम्हें Mobile देने आया हूँ अब कम से कम तुम्हारी आवाज तो सुन लिया करुंगा और वो ये कह कर बहाँ से चला जाता है फिर वो फोन पर बात करते हैं पर उसे Mobile हमेशा छुपा कर ही रखना पड़ता है धीरे-धीरे एक महीना हो जाता है और एक दिन करन उसे मिलने केे लिए कहता है पर वो मना कर देती है पर वो घर पर आकर मिलने केे लिए बोलता है और वो कहती है तुम मत आओ मैं ही आती हूँ पर मैं घर पर क्या बोलूँ वो उसे कहता है तुम मेडिकल पर कुछ लेने जा रही हो ये बोल कर चली आओ मैं तुम्हे बहीं मिल जाऊंगा और वो वैसा ही करती है उस दिन तो वो एक दूसरे से मिल लेते हैं पर कुछ ही दिनों बाद करन उसे फिरसे मिलने केे लिए कहता है पर इस बार वो उसे मना करना नहीं चाहती और कुछ सोचने केे बाद वो उससे कहती है कि अाज नहीं पर हर सोमवार को मैं तुम्हें मंदिर केे पास मिलूंगी और वो मान जाता है और वो सोमवार को उपवास रखना शुरू कर देती है और हर सोमवार को वो एक दूसरे से मिलने लगते हैं कुछ दिन बाद उसके चाचा मंदिर की तरफ जा रहे होते हैं और वो उन दोनों को देख लेते हैं वो प्रिया से पूछते हैं कि ये कौन है और वो चुप हो जाती है जिसके बाद करन उन्हें सब बता देता है और उस दिन से ही उसका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है और उसके पास Mobile है ये पता चलते ही छीन लिया जाता है कई बार करन कोशिश भी करता है उससे मिलने की पर मिल नहीं पाता पर उसे विश्वास होता है कि वो एक दिन जरूर मिलेंगे एक दिन वो उससे मिलने जाता है और उसकी छत पर चढ़ जाता है और उसे प्रिया केे घरवाले देख लेते हैं और उसे बहुत मारते हैं इतना मारते हैं कि वो 2 दिन तक Hospital में रहता है और उधर प्रिया भी खाना छोड़ देती है करन भी Hospital से निकलने केे तुरंत बाद उससे मिलने चला जाता है पर इस बार प्रिया केे घरवाले उसे कुछ नहीं कहते पर उसे प्रिया से नहीं मिलने देते और उसे बहां से जाने को बोल देते हैं पर प्रिया खाना नहीं खाती इसलिए उसके घरवाले उन्हें एक दूसरे से मिलवा देने का फैसला लेते हैं जिसके बाद वो करन को फोन करके घर बुला कर उससे कहते हैं कि कल अपने घरवालों को लेकर आना मुझे कुछ बात करनी है और वो वैसा ही करता है अगले ही दिन वो अपने घरवालों केे साथ प्रिया केे घर जाता है और प्रिया केे घरवाले करन केे घरवालों से उन दोनों की शादी की बात करते हैं और करन केे घरवाले तो पहले से ही उनके रिश्ते केे लिए तैयार थे और वो हाँ कर देते हैं और रिश्ता पक्का हो जाता है और ये बात प्रिया को पता चलती है तो वो खाना भी खा लेती है और कुछ ही दिनों बाद उनकी शादी हो जाती है और आज उनका एक परिवार है जिसमें वो खुश हैं

प्यार सच्चा हो तो कुछ भी हो सकता है और न हो तो कुछ नहीं हो सकता कुछ तो होते हैं प्रिया और करन जैसे और कुछ होते हैं ऐसे जो कहते हैं BABU घर वाले नहीं मानेंगे अबे मनाओगे तभी तो मानेंगे और मोहब्बत होती तो मनाते न जो कि है ही नही

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